सूरह यासीन, जिसे कुरआन-ए-पाक का "दिल" कहा जाता है, हर मुसलमान के लिए एक खास और बरकती सूरह है। यह कुरआन की 36वीं सूरह है, जिसमें 83 आयतें हैं। इंडियन मुसलमानों के लिए, खास तौर पर हिन्दी और उर्दू बोलने वालों के लिए, इस सूरह को पढ़ना और समझना एक रूहानी नेमत है। इसकी तिलावत से न सिर्फ दिल को सुकून मिलता है, बल्कि अल्लाह की रहमत और मगफिरत भी हासिल होती है। आइए, इस सूरह की फज़ीलत, मकसद और इसके कुछ अहम हिस्सों को आसान हिन्दी में समझें, जिसमें उर्दू के लफ्ज़ों का इस्तेमाल होगा ताकि हमारी बात में वही रूहानी जज़्बा रहे।
सूरह यासीन की फज़ीलत
हदीस-ए-पाक में रसूलअल्लाह (स.अ.व.) ने फरमाया: "सूरह यासीन कुरआन का दिल है।" इसे पढ़ने से गुनाह माफ होते हैं, मुश्किलें आसान होती हैं, और कयामत के दिन शफाअत मिलती है। खास तौर पर, जब कोई मुश्किल में हो या किसी की वफात हो, तो इस सूरह की तिलावत की सलाह दी जाती है। ये सूरह न सिर्फ रूह को सुकून बख्शती है, बल्कि अल्लाह की कुदरत और हिदायत की याद भी दिलाती है।
सूरह यासीन का मकसद
सूरह यासीन का मकसद इंसान को अल्लाह की हिदायत की तरफ बुलाना और दुनिया की फानी हकीकत को याद दिलाना है। इसमें अल्लाह की कुदरत, कयामत का दिन, और नबियों की दास्तानों का ज़िक्र है। यह सूरह हमें अपने आमाल (कर्म) पर गौर करने की ताकीद करती है। हज़रत हबीब नज्जार की कहानी, जो अपनी क़ौम को हक़ की तरफ बुलाते हैं, हमें हिम्मत देती है कि हम सच्चाई के लिए डटकर खड़े हों।
सूरह यासीन का हिन्दी तर्जुमा
नीचे सूरह यासीन की आयतें हिन्दी में दी गई हैं, जैसा कि आपने मुहय्या किया। ये तर्जुमा आसान और साफ लफ्ज़ों में है, जो इंडियन मुसलमानों के लिए समझने में मददगार है।
1. यासीन
2. वल कुरआनिल हकीम
3. इन्नका लमिनल मुरसलीन
4. अला सिरातिम मुस्तकीम
5. तन्ज़ीलल अज़ीज़िर रहीम
6. लितुनज़िरा कौमम मा उनज़िरा आबाउहुम फहुम गाफिलून
7. लकद हक्कल कौलु अला अक्सरिहिम फहुम ला युअ’मिनून
8. इन्ना जअल्ना फी अअ’नाकिहिम अगलालं फहिया इलल अज़कानि फहुम मुकमहून
9. व जअल्ना मिम बैनि ऐदीहिम सद्दंव वमिन खलफिहिम सद्दन फअगशैनाहुम फहुम ला युब्सिरून
10. वसवाउन अलैहिम अअनज़रतहुम अम लम तुनज़िरहुम ला युअ’मिनून
11. इन्नमा तुनज़िरु मनित्तब अज़्ज़िक्रा व खशियर रहमान बिल्गैब फबश्शिरहु बिमगफिरतिव व अजरिन करीम
12. इन्ना नहनु नुहयिल मौता वनकतुबु मा क़द्दमु व आसारहुम वकुल्ल शयइन अहसैनाहु फी इमामिम मुबीन
13. वज़रिब लहुम मसलन असहाबल करयह इज़जा अहल मुरसळून
14. इज़ अरसल्ना इलैहिमुस्नैनि फकज्ज़बूहुमा फ अज़्ज़ज्ना बिसालिसिन फकालू इन्ना इलैकुम मुरसळून
15. कालू मा अन्तुम इल्ला बशरुम मिस्लुना वमा अनज़लर रहमानु मिन शयइन इन्तुम इल्ला तकज़िबून
16. कालू रब्बुना यअ’लमु इन्ना इलैकुम लमुरसळून
17. वमा अलैना इल्लल बलागुल मुबीन
18. कालू इन्ना ततैयरना बिकुम लइल्लम तन्तहू लनर्जु मन्नकुम व लायमस्सन्नकुम मिन्ना अज़ाबुन अलीम
19. कालू ताइरुकुम मअकुम अइन ज़ुक्किरतुम बल अन्तुम कौमूम मुस्रिफून
20. वजा अमिन अक्सल मदीना तिरजुलुय यसआ काला या कौमित्तबिउल मुरसलीन
21. इत्तबिऊ मल्ला यसअलुकुम अजरौं वहुम मुहतदून
22. वमालिया ला अअ’बुदुल लज़ी फतरनी व इलैहि तुरजऊन
23. अ अत्तखिज़ु मिन दुनिही आलिहतन इय युरिदनिर रहमानु बिजुर्रिल ला तुगनि अन्नी शफाअतहुम शय अव वला युनकिज़ून
24. इन्नी इज़ल लफी ज़लालिम मुबीन
25. इन्नी आमन्तु बिरब्बिकुम फसमऊन
26. कीलदखुलिल जन्नह काल यालैत कौमिय यअ’लमून
27. बिमा गफरली रब्बी व जअलनी मिनल मुकरमीन
28. वमा अनज़लना अला कौमिही मिन बअ’दिही मिन जुन्दिम मिनस्समाइ वमा कुन्ना मुनज़िलीन
29. इन कानत इल्ला सैहतौ वाहिदतन फइज़ा हुम खामिदून
30. या हस्रतन अलल इबाद मा यअ’तीहिम मिर्रसूलिन इल्ला कानू बिही यस्तहज़िउन
31. अलम यरौ कम अहलकना कब्लहुम मिनल कुरूनी अन्नहुम इलैहिम ला यरजिऊन
32. व इन कुल्लुल लम्मा जमीउल लदैना मुहज़रून
33. व आयतुल लहुमूल अरज़ुल मैतह अहययनाहा व अखरजना मिन्हा हब्बन फमिन्हु यअ’कुलून
34. व जअल्ना फीहा जन्नातिम मिन नखीलिव व अअ’नाबिव व फज्जरना फीहा मिनल उयून
35. लियअ’कुलु मिन समरिही वमा अमिलत हु अयदीहिम अफला यश्कुरून
36. सुब्हानल लज़ी खलकल अज़वाज कुल्लहा मिम्मा तुमबितुल अरज़ु व मिन अनफुसिहिम व मिम्मा ला यअलमून
37. व आयतुल लहुमूल लैल नसलखु मिन्हुन नहारा फइज़ा हुम मुज़लिमून
38. वश्शम्सु तजरी लिमुस्तकररिल लहा ज़ालिका तकदीरूल अज़ीज़िल अलीम
39. वल कमर कद्दरनाहु मनाज़िला हत्ता आद कल उरजुनिल कदीम
40. लश्शम्सु यमबगी लहा अन तुदरिकल कमरा वलल लैलु साबिकुन नहार व कुल्लुन फी फलकिय यसबहून
41. व आयतुल लहुम अन्ना हमलना ज़ुररियyatहुम फिल फुल्किल मशहून
42. व खलकना लहुम मिम मिस्लिही मा यरकबून
43. व इन नशअ नुगरिकहुम फला सरीखा लहुम वला हुम युन्कजून
44. इल्ला रहमतम मिन्ना व मताअन इलाहीं
45. व इज़ा कीला लहुमुत्तकू मा बैन ऐदीकुम वमा खल्फकुम लअल्लकुम तुरहमून
46. वमा तअ’तीहिम मिन आयतिम मिन आयाति रब्बिहिम इल्ला कानू अन्हा मुअरिज़ीन
47. व इज़ा कीला लहुम अनफिकू मिम्मा रज़ककुमुल लाहु कालल लज़ीना कफरू लिल्लज़ीना आमनू अनुतइमू मल लौ यशाउल लाहु अतअमह इन अन्तुम इल्ला फी ज़लालिम मुबीन
48. व यकूलूना मता हाज़ल व’अदू इन कुन्तुम सादिकीन
49. मा यनज़ुरूना इल्ला सैहतव वाहिदतन तअ’खुज़ुहुम वहुम यखिस्सिमून
50. फला यस्तातीऊना तौसियतव वला इला अहलिहिम यरजिऊन
51. व नुफिखा फिस्सूरी फइज़ा हुम मिनल अज्दासि इला रब्बिहिम यन्सिलून
52. कालू या वय्लना मम बअसना मिम मरकदिना हाज़ा मा वअदर रहमानु व सदकल मुरसलून
53. इन कानत इल्ला सैहतव वाहिदतन फइज़ा हुम जमीउल लदैना मुहज़रून
54. फल यौम ला तुज़्लमु नफ्सु शयअव वला तुज्ज़व्ना इल्ला मा कुन्तुम तअ’मलून
55. इन्न असहाबल जन्नतिल यौमा फी शुगुलिन फाकिहून
56. हुम व अज्वाजुहूम फी ज़िलालिन अलल अराइकि मुत्तकिऊन
57. लहुम फीहा फाकिहतुव वलहुम मा यददऊन
58. सलामुन कौलम मिर रब्बिर रहीम
59. वम्ताज़ुल यौमा अय्युहल मुजरिमून
60. अलम अअ’हद इलैकुम या बनी आदम अल्ला तअ’बुदुश्शैतान इन्नहू लकुम अदुववुम मुबीन
61. व अनिअ’बुदूनी हाज़ा सिरातुम मुस्तकीम
62. व लकद अज़ल्ल मिन्कुम जिबिल्लन कसीरा अफलम तकूनू तअकिलून
63. हाज़िही जहन्नमुल लती कुन्तुम तूअदून
64. इस्लौहल यौमा बिमा कुन्तुम तकफुरून
65. अल यौमा नाख्तिमु अला अफ्वाहिहिम व तुकल लिमुना अयदीहिम व तशहदू अरजुलुहुम बिमा कानू यक्सिबून
66. व लौ नशाउ लतामसना अला अअ’युनिहिम फस्तबकुस्सिराता फअन्ना युब्सिरून
67. व लौ नशाउ लमसखनाहुम अला मकानतिहिम फमस्तताऊ मुजियyव वला यरजिऊन
68. वमन नुअम्मिरहु नुनक्किसहु फिल खल्क अफला यअ’किलून
69. वमा अल्लम्नाहुश्शिअ’रा मा यमबगी लह इन हुवा इल्ला ज़िक्रव वकुरआनुम मुबीन
70. लियुनज़िरा मन काना हय्यव व यहिक्कल कौलु अलल काफिरीन
71. अवलम यरौ अन्ना खलक्ना लहुम मिम्मा अमिलत अय्दीना अनआमन फहुम लहा मालिकून
72. व ज़ल्लल्नाहा लहुम फमिन्हा रकूबुहुम व मिन्हा यअ’कुलून
73. व लहुम फीहा मनाफिउ व मशारिबु अफला यश्कुरून
74. वत्तखज़ू मिन दूनिल लाहि आलिहतल लअल्लहुम युन्सरून
75. ला यस्तातीऊना नस्रहुम वहुम लहुम जुन्दुम मुहज़रून
76. फला यहज़ुन्का कौलुहुम इन्ना नअ’लमु मा युसिर्रूना वमा युअ’लिनून
77. अवलम यरल इंसानु अन्ना खलक्नाहु मिन नुत्फतिन फइज़ा हुवा खसीमुम मुबीन
78. व ज़रबा लना मसलव व नसिया खल्कह काला मय युहयिल इज़ामा वहिय रमीम
79. कुल युहयीहल लज़ी अनशअहा अव्वला मर्रह वहुवा बिकुल्लि खल्किन अलीम
80. अल्लज़ी जअला लकुम मिनश्शजरिल अख्ज़रि नारन फइज़ा अन्तुम मिन्हु तूकिदून
81. अवलैसल लज़ी खलकस्समावाति वल अरज़ बिकादिरिन अला अय यख्लुक मिस्लहुम बला वहुवल खल्लाकुल अलीम
82. इन्नमा अमरुहू इज़ा अरादा शयअन अय यकूला लहू कुन फयकून
83. फसुब्हानल लज़ी बियदिही मलकूतु कुल्लि शयइव व इलैहि तुरजऊन
सूरह यासीन का असर
सूरह यासीन को पढ़ने से दिल में सुकून और रूह में ताज़गी आती है। ये हमें अल्लाह की कुदरत, उसकी रहमत, और कयामत की हकीकत की याद दिलाती है। इंडियन मुसलमानों के लिए, जो हिन्दी और उर्दू के मिश्रण में बात करते हैं, इस सूरह को पढ़ना और समझना एक खास रूहानी अनुभव है। इसे मग़रिब की नमाज़ के बाद या किसी मुश्किल वक्त में पढ़ने की सलाह दी जाती है।
सूरह यासीन को पढ़ने का तरीका
सूरह यासीन को पढ़ने से पहले वुज़ू करें, दिल को साफ करें, और पूरी शिद्दत के साथ अल्लाह की बारगाह में हाज़िर हों। अगर आप इसका मतलब समझना चाहते हैं, तो ऊपर दिया गया हिन्दी तर्जुमा पढ़ें। इसे रात में या किसी खास मौके पर पढ़ने से खास बरकत हासिल होती है।
सूरह यासीन सिर्फ आयतों का मजमुआ नहीं, बल्कि एक रूहानी सफर है। इसे पढ़ें, इसके मानी समझें, और अपनी ज़िंदगी में उतारें। अल्लाह तआला हम सबको इस सूरह की बरकतों से नवाज़े और हमें सिरात-ए-मुस्तकीम पर चलाए। आमीन।
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