बारश के वक़्त की दुआ | Barish Ke Waqt Ki Dua in Hindi

 अस्सलामु अलैकुम दोस्तों! आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि बारश के वक़्त की दुआ क्या है और इसकी फज़ीलत क्या है। बारश अल्लाह तआला की रहमत की एक अज़ीम निशानी है, और जब भी बारश होती है, तो हमें अल्लाह से दुआ मांगनी चाहिए। हमारे प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने बारश के वक़्त एक खास दुआ पढ़ने की तलकीन फरमाई है, जो हम सबके लिए बाइस-ए-बरकत है। इस आर्टिकल में आप इस दुआ को अरबी, हिंदी, उर्दू, रोमन इंग्लिश और इसके तर्जमे के साथ जानेंगे। इसके अलावा, हम आपको बताएंगे कि बारश के वक़्त कौन-कौन सी दुआएं मांगनी चाहिए और कुछ खास अमल जो आप बारश के वक़्त कर सकते हैं। तो चलिए, शुरू करते हैं!


बारश के वक़्त की दुआ की अहमियत | Fazilat of Barish Ke Waqt Ki Dua

बारश अल्लाह तआला की रहमत की एक बड़ी निशानी है। हमारे नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि जब बारश होती है, तो यह अल्लाह की रहमत का नुज़ूल होता है। इस वक़्त दुआ मांगना बहुत ज़्यादा मुस्तजाब होता है। हदीस शरीफ में है कि हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया:
"जब बारश हो, तो यह कहो: 'ऐ अल्लाह! इसे रहमत की बारश बना।'"

बारश के वक़्त दुआ मांगने से अल्लाह तआला अपने बंदों पर रहमत नाज़िल फरमाता है। यह वक़्त अल्लाह से अपनी मगफिरत, दुनिया व आखिरत की भलाई, और गुनाहों की माफी मांगने का बेहतरीन मौका है। तो आइए, जानते हैं कि वह कौन सी खास दुआ है जो हम बारश के वक़्त पढ़ सकते हैं।


बारश के वक़्त की दुआ | Barish Ke Waqt Ki Dua

जब भी बारश हो, आप यह दुआ पढ़ सकते हैं:

अरबी में दुआ | Dua in Arabic

اللَّهُمَّ صَيِّبَاً نَافِعَاً

हिंदी में दुआ | Dua in Hindi

अल्लाहुम्मा सय्यिबन नाफ़ीअन
(Allahumma Sayyiban Nafia)

उर्दू में दुआ | Dua in Urdu

ऐ अल्लाह! इसे नफ़ा देने वाली बारश बना दे।

रोमन इंग्लिश में दुआ | Dua in Roman English

Allahumma Sayyiban Nafia

दुआ का तर्जमा | Tarjuma of Dua

ऐ अल्लाह! इस बारश को नफ़ा देने वाली और खैर व बरकत वाली बना दे।

यह दुआ छोटी सी है, मगर बहुत ज़्यादा अफज़ल है। इसे पढ़ने से अल्लाह तआला बारश को हमारे लिए रहमत और बरकत का ज़रिया बनाता है।


बारश के वक़्त की दुआ की फज़ीलत | Fazilat of the Dua

हदीस शरीफ में है कि हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि हमारे नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया:
"जब बारश हो, तो यह दुआ पढ़ो: 'ऐ अल्लाह! इस बारश को रहमत की बारश बना।'"

बारश के वक़्त की दुआ मुस्तजाब होती है क्योंकि यह रहमत का वक़्त होता है। इस वक़्त अल्लाह तआला अपने बंदों की दुआएं सुनता और कुबूल फरमाता है। इसलिए जब भी बारश हो, आप आसमान की तरफ हाथ उठाएं और यह दुआ पढ़ें। इसके साथ-साथ अपनी और अपने अज़ीज़ों के लिए भी दुआएं मांगें।


बारश के वक़्त कौन सी दुआएं मांगें? | Dua's to Recite During Rain

बारश के वक़्त आप कई तरह की दुआएं मांग सकते हैं। यह वक़्त अल्लाह से मांगने का सबसे अच्छा वक़्त है। कुछ मिसालें ये हैं:

  1. मगफिरत की दुआ:
    अपने और तमाम मुसलमानों के गुनाहों की माफी मांगें।
    ऐ अल्लाह! हमारे गुनाह माफ फरमा और हमें हिदायत अता फरमा।

  2. मुस्तकबिल के लिए दुआ:
    अपनी दुनिया व आखिरत की कामयाबी के लिए दुआ करें।
    ऐ अल्लाह! हमारे मुस्तकबिल को रौशन फरमा और हमें नेक अमल की तौफीक अता फरमा।

  3. कारोबार की तरक्की की दुआ:
    अपनी रोज़ी और कारोबार में बरकत मांगें।
    ऐ अल्लाह! हमारे रिज़्क में बरकत अता फरमा और हमारे कारोबार को कामयाब फरमा।

  4. आखिरत की भलाई की दुआ:
    जन्नत की तलब करें और जहन्नम के अज़ाब से पनाह मांगें।
    ऐ अल्लाह! हमें जन्नतुल फिरदौस अता फरमा और जहन्नम के अज़ाब से महफूज़ रख।

  5. वालदैन और रिश्तेदारों के लिए दुआ:
    अपने माता-पिता, रिश्तेदारों, और मरहूमीन के लिए मगफिरत की दुआ करें।
    ऐ अल्लाह! हमारे वालदैन और तमाम मुसलमानों की मगफिरत फरमा।

  6. कब्र और जहन्नम के अज़ाब से पनाह:
    ऐ अल्लाह! हमें कब्र के अज़ाब और जहन्नम की आग से बचा।


बारश के वक़्त के खास अमल | Special Acts During Rain

बारश के वक़्त कुछ खास अमल हैं जो आप कर सकते हैं। यह अमल फर्ज़ या वाजिब नहीं हैं, लेकिन इन्हें करना सुन्नत है और अल्लाह तआला के करीब होने का ज़रिया बनता है। ये हैं वह खास अमल:

  1. पहला कलमा पढ़ें:
    बारश के वक़्त ज़्यादा से ज़्यादा कलमा तैबा पढ़ें।
    ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुर रसूलुल्लाह

  2. दुरूद शरीफ की कसरत:
    दुरूद शरीफ पढ़ने से अल्लाह की रहमत नाज़िल होती है।
    अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मद व आल मुहम्मद

  3. नफल नमाज़ अदा करें:
    आप दो या चार रकात नफल नमाज़ अदा कर सकते हैं। यह अल्लाह के साथ ताल्लुक को मज़बूत करता है।

  4. तसबीह पढ़ें:
    सुभानल्लाहि व बिहम्दिही, सुभानल्लाहिल अज़ीम की तसबीह पढ़ें। एक तसबीह (100 बार) पढ़ने से दिल को सुकून मिलता है।

  5. बारश के पानी से फायदा उठाएं:
    बारश का पानी अल्लाह की रहमत है। इसे जमा करें और इससे वुज़ू करें या पियें। हदीस में है कि बारश का पानी पाकीज़ा और बरकत का ज़रिया है।


अगर बारश ज़्यादा हो तो क्या करें? | What to Do if It Rains Heavily?

अगर बारश बहुत ज़्यादा हो रही हो और आपको नुकसान का डर हो, तो आप बारश रुकने की दुआ पढ़ सकते हैं। यह दुआ है:

अरबी में दुआ:
اللَّهُمَّ حَوَالَيْنَا وَلَا عَلَيْنَا، اللَّهُمَّ عَلَى الْآكَامِ وَالظِّرَابِ وَبُطُونِ الْأَوْدِيَةِ وَمَنَابِتِ الشَّجَرِ
हिंदी में दुआ:

अल्लाहुम्मा हवालैना वला अलैना, अल्लाहुम्मा अलल आकामि वज़्ज़राबि व बुतूनिल अवदिया व मनाबितिश शजर

तर्जमा:

ऐ अल्लाह! हमारे इर्द-गिर्द बारश बरसा, हम पर न बरसा। ऐ अल्लाह! इसे पहाड़ों, टीलों, वादियों और दरख्तों की जड़ों पर बरसा।

यह दुआ पढ़ने से अल्लाह तआला बारश को नुकसान से महफूज़ रखता है और इसे खैर व बरकत का ज़रिया बनाता है।


FAQs

सवाल: बारश के वक़्त पढ़ने वाली दुआ कौन सी है?
जवाब: बारश के वक़्त की दुआ है: अल्लाहुम्मा सय्यिबन नाफ़ीअन (ऐ अल्लाह! इसे नफ़ा देने वाली बारश बना दे।)

सवाल: बारश के वक़्त क्या दुआ मांगनी चाहिए?
जवाब: आप मगफिरत, आखिरत की भलाई, रिज़्क में बरकत, और अज़ाब से पनाह की दुआ मांग सकते हैं।

सवाल: बारश के वक़्त क्या पढ़ना चाहिए?
जवाब: नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि बारश के वक़्त यह दुआ पढ़ो: ऐ अल्लाह! इसे रहमत की बारश बना।

सवाल: क्या बारश के पानी से वुज़ू करना चाहिए?
जवाब: जी हां, बारश का पानी पाकीज़ा होता है। इससे वुज़ू या गुस्ल करना बरकत का सबब है।


कुछ खास बातें | Kuch Khaas Baatein

बारश के वक़्त कुछ खास बातों का खयाल रखें:

  • बारश अल्लाह की रहमत है: इसे इज्ज़त की निगाह से देखें और अल्लाह का शुक्र अदा करें।
  • दुआ की कबूलियत का वक़्त: बारश के वक़्त दुआ मांगना बहुत अफज़ल है क्योंकि यह रहमत का वक़्त है।
  • सुन्नत पर अमल करें: नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बताए हुए अमल जैसे दुरूद शरीफ, कलमा, और नफल नमाज़ पढ़ें।
  • बारश से फायदा उठाएं: बारश का पानी जमा करें, इससे वुज़ू करें, या पियें। यह शिफा का ज़रिया है।

इस आर्टिकल में हमने बारश के वक़्त की दुआ के बारे में तफ्सील से बताया। आपने इस दुआ को अरबी, हिंदी, उर्दू, और रोमन इंग्लिश में जाना, इसके तर्जमे और फज़ीलत को समझा। बारश अल्लाह की रहमत की निशानी है, और इस वक़्त दुआ मांगना बहुत ज़्यादा मुस्तजाब होता है। इसलिए जब भी बारश हो, अल्लाहुम्मा सय्यिबन नाफ़ीअन ज़रूर पढ़ें और अपनी दुनिया व आखिरत के लिए दुआएं मांगें।

अगर बारश ज़्यादा हो रही हो, तो बारश रुकने की दुआ पढ़ें। इसके साथ-साथ कलमा, दुरूद शरीफ, और तसबीहात पढ़कर अल्लाह की रहमत हासिल करें। उम्मीद है कि यह आर्टिकल आपके लिए मुफीद साबित होगा। इसे अपने दोस्तों और अज़ीज़ों के साथ शेयर करें क्योंकि दीनी बातें शेयर करना सदका-ए-जारीया है।

फी अमानिल्लाह!

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